Madhu Arora

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लेखनी कहानी -28-Dec-2021 उम्मीद का पैमाना

उम्मीद का  पैमाना

उम्मीद का पैमाना हरदम छलकने लगा है,
एक दूजे से भावनाओं का,
आदान-प्रदान होने लगा है।
जीवन कुछ ऐसा लगने लगा है,
उम्मीद का पैमाना 
कभी खुशी कभी गम 
बनकर मुस्कुराने लगा है। 
उम्मीद क्यों करते हो एक दूजे से,
चाहत के रंग क्यो भरते हो  इक दूजे में।
अजब खेल से यह सृष्टि चले,
इसके बिना घर  गृहस्थी न पले।
बातों का तारतम्य चलने लगा है,
उम्मीद का पैमाना हरदम छलकने लगा है।
किसी की बात उम्मीद जगाती है,
किसी की हंसी जीवन में रंग लाती है।
किसी की नजर भर देखने की उम्मीद,
जीवन में नई उम्मीद लाने लगी है।
उम्मीद है मुझे हर  रिश्ते से,
मधुर,  प्रेम, प्यार, समर्पण, त्याग।
उम्मीद है कभी रिश्तो में गर्माहट की,
मिलन की एक दूजे के साथ।
 वक्त साझा करने की,
उम्मीद पर कायम है यह दुनिया।
कभी-कभी खट्टे मीठे तकरार की बातें,
कुछ उम्मीद पूरी करते हैं एक दूजे की।
कुछ तुम आगे बढ़ो कुछ हम आगे बढ़े,
जीवन में उम्मीदों के नए रंग भरे।

                  रचनाकार ✍️
                  मधु अरोरा
                 


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